कबित सव्ये भाई गुरदास जी

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ਜਾ ਦਿਨ ਜਗਤ ਮਨ ਟਹਿਲ ਕਹੀ ਰਿਸਾਇ ਗ੍ਯਾਨ ਧ੍ਯਾਨ ਕੋਟ ਜੋਗ ਜਗ ਨ ਸਮਾਨ ਹੈ ।
जा दिन जगत मन टहिल कही रिसाइ ग्यान ध्यान कोट जोग जग न समान है ।

जिस दिन सर्वज्ञ भगवान प्रसन्न हुए और सेवा करने का आदेश दिया, उस शुभ दिन करोड़ों सांसारिक ज्ञान, ध्यान, योग तुच्छ हो गए।

ਜਾ ਦਿਨ ਭਈ ਪਨਿਹਾਰੀ ਜਗਨ ਨਾਥ ਜੀ ਕੀ ਤਾ ਸਮ ਨ ਛਤ੍ਰਧਾਰੀ ਕੋਟਨ ਕੋਟਾਨ ਹੈ ।
जा दिन भई पनिहारी जगन नाथ जी की ता सम न छत्रधारी कोटन कोटान है ।

जिस दिन मुझे ब्रह्माण्ड के स्वामी भगवान के लिए जल भरने का कार्य मिला, उस धन्य दिन की तुलना करोड़ों राज्यों के सुख भी नहीं कर सकते।

ਜਾ ਦਿਨ ਪਿਸਨਹਾਰੀ ਭਈ ਜਗਜੀਵਨ ਕੀ ਅਰਥ ਧਰਮ ਕਾਮ ਮੋਖ ਦਾਸਨ ਦਾਸਾਨ ਹੈ ।
जा दिन पिसनहारी भई जगजीवन की अरथ धरम काम मोख दासन दासान है ।

जिस दिन मुझे जगत और समस्त जीवों के स्वामी भगवान की चक्की पीसने का कार्य मिला, उसी दिन अध्यात्म के चार बहुप्रतीक्षित और वांछित तत्व सेवकों के दास बन गए।

ਛਿਰਕਾਰੀ ਪਨਿਹਾਰੀ ਪੀਸਨਕਾਰੀ ਕੋ ਜੋ ਸੁਖ ਪ੍ਰੇਮਨੀ ਪਿਆਰੀ ਕੋ ਅਕਥ ਉਨਮਾਨ ਹੈ ।੬੫੬।
छिरकारी पनिहारी पीसनकारी को जो सुख प्रेमनी पिआरी को अकथ उनमान है ।६५६।

जो प्रेम में डूबी हुई प्रेयसी जल छिड़कने, चक्की पीसने और जल भरने का कार्य करती है, उसकी स्तुति, सुख और शान्ति वर्णन से परे है। (६५६)