जले हुए कोयले को हाथ में पकड़ने पर वह काला पड़ जाता है, लेकिन जलते हुए कोयले को हाथ में पकड़ने पर जलन होती है। (कोयला ठंडा होने पर या जलते हुए, दोनों ही स्थितियों में समस्या पैदा करता है)
जैसे कुत्ते की चाट संक्रामक होती है और काटने पर असहनीय दर्द होता है। (कुत्तों का चाटना और काटना दोनों ही कष्टकारी हैं)।
जैसे घड़ा पत्थर पर गिरने से टूट जाता है, वैसे ही पत्थर पर गिरने से भी टूट जाता है। (पत्थर घड़े को हर प्रकार से नष्ट करने वाला होता है)।
इसी प्रकार दुष्ट व्यक्तियों के साथ प्रेमपूर्ण सम्बन्ध बनाना भी बुरा है। उनसे प्रेम करना या उनसे असहमति प्रकट करना भी उतना ही बुरा है। इस प्रकार मनुष्य इस लोक और परलोक के दुःखों और पीड़ाओं से बच नहीं सकता। (388)