यदि किसी बगुले को मानसरोवर झील पर ले जाया जाए तो वह अमूल्य मोतियों के स्थान पर केवल छोटी-छोटी मछलियाँ ही उठाएगा।
यदि गाय के थनों में जोंक डाल दी जाए तो वह दूध नहीं पीएगी बल्कि अपनी भूख मिटाने के लिए खून चूसेगी।
जब कोई मक्खी किसी सुगंधित वस्तु पर बैठ जाती है तो वह वहां नहीं बैठती बल्कि तेजी से वहां पहुंच जाती है जहां गंदगी और बदबू होती है।
जैसे हाथी स्वच्छ जल में स्नान करके अपने सिर पर धूल छिड़कता है, वैसे ही साधु पुरुषों की निन्दा करने वाले लोग सच्चे और सज्जन पुरुषों की संगति को पसंद नहीं करते। (332)