सारा संसार कहता है कि उसने देखा है। लेकिन वह कौन-सा अद्भुत दृश्य है जो गुरु के दर्शन में मन को लीन कर देता है?
हर कोई गुरु का उपदेश सुनने का दावा करता है। लेकिन वह अनोखी वाणी कौन सी है, जिसे सुनकर मन भटकता नहीं?
सारा संसार गुरु के मन्त्रों का गुणगान करता है, उनका जप भी करता है, परन्तु वह साधन क्या है जो मन को तेजस्वी प्रभु में लगा दे?
जो मूर्ख ऐसे अंगों और उपांगों से रहित है, जो उसे सच्चे गुरु का ज्ञान और ध्यान प्रदान करते हैं, सच्चे गुरु - पापियों में से पुण्यात्माओं को बनाने वाले, उन्हें नाम सिमरन के माध्यम से ऐसे दिव्य ज्ञान का आशीर्वाद दें। (५४१)