कबित सव्ये भाई गुरदास जी

पृष्ठ - 614


ਜੈਸੇ ਧੋਭੀ ਸਾਬਨ ਲਗਾਇ ਪੀਟੈ ਪਾਥਰ ਸੈ ਨਿਰਮਲ ਕਰਤ ਹੈ ਬਸਨ ਮਲੀਨ ਕਉ ।
जैसे धोभी साबन लगाइ पीटै पाथर सै निरमल करत है बसन मलीन कउ ।

जिस प्रकार एक धोबी गंदे कपड़े पर साबुन लगाता है और फिर उसे साफ और चमकदार बनाने के लिए उसे बार-बार पटिये पर मारता है।

ਜੈਸੇ ਤਉ ਸੁਨਾਰ ਬਾਰੰਬਾਰ ਗਾਰ ਗਾਰ ਢਾਰ ਕਰਤ ਅਸੁਧ ਸੁਧ ਕੰਚਨ ਕੁਲੀਨ ਕਉ ।
जैसे तउ सुनार बारंबार गार गार ढार करत असुध सुध कंचन कुलीन कउ ।

जिस प्रकार एक सुनार सोने की अशुद्धता दूर करने के लिए उसे बार-बार गर्म करता है और उसे शुद्ध तथा चमकदार बनाता है।

ਜੈਸੇ ਤਉ ਪਵਨ ਝਕਝੋਰਤ ਬਿਰਖ ਮਿਲ ਮਲਯ ਗੰਧ ਕਰਤ ਹੈ ਚੰਦਨ ਪ੍ਰਬੀਨ ਕਉ ।
जैसे तउ पवन झकझोरत बिरख मिल मलय गंध करत है चंदन प्रबीन कउ ।

जिस प्रकार मलय पर्वत की सुगन्धित हवा अन्य पौधों को जोर से हिलाकर उन्हें चंदन के समान सुगन्धित कर देती है।

ਤੈਸੇ ਗੁਰ ਸਿਖਨ ਦਿਖਾਇ ਕੈ ਬ੍ਰਿਥਾ ਬਿਬੇਕ ਮਾਯਾ ਮਲ ਕਾਟਿ ਕਰੈ ਨਿਜ ਪਦ ਚੀਨ ਕਉ ।੬੧੪।
तैसे गुर सिखन दिखाइ कै ब्रिथा बिबेक माया मल काटि करै निज पद चीन कउ ।६१४।

इसी प्रकार सच्चा गुरु अपने सिखों को कष्टदायक रोगों से अवगत कराता है तथा अपने ज्ञान, शब्द और नाम से माया के मैल को नष्ट कर देता है, तथा फिर उन्हें स्वयं का ज्ञान कराता है। (614)