जिस प्रभु का नाम अजोनी (जो कभी जन्म नहीं लेता) है, वह कैसे जन्म ले सकता है? तथा मूर्ख लोगों ने जन्म अष्टमी (कृष्ण जी का जन्मदिन) को किस कारण से व्रत का दिन निर्धारित किया है?
जिस प्रभु का नाम अकाल है, जो अनादि है, जो समस्त जगत के जीवन-आधार हैं, उन्हें एक शिकारी ने कृष्ण के रूप में मारकर कैसे अपकीर्ति अर्जित की?
जिन भगवान का नाम लेने से मनुष्य कल्याण करता है, जिनका नाम लेने से मनुष्य सभी विकारों से मुक्त हो जाता है, जो मोक्ष देने वाले हैं, वे भगवान कृष्ण के रूप में ग्वालबालों के स्वामी होकर उन्हें अपने वियोग में कैसे कष्ट दे सकते हैं?
जो लोग सच्चे गुरु की दीक्षा से वंचित हैं, उनके अन्दर अज्ञानी मन रहता है। ऐसे अज्ञानी और अंधे लोग जीवन देने वाले, अविनाशी, कालातीत और दोषरहित भगवान की मूर्तियाँ बनाकर उन्हें भगवान बना देते हैं और फिर उनके अनुयायी बन जाते हैं और