जैसे एक राजा अनेक रानियों से प्रेम करता है, जो सभी उसके लिए पुत्र उत्पन्न करती हैं, किन्तु उनमें से एक रानियाँ बांझ भी हो सकती है, जो सन्तान उत्पन्न नहीं कर सकती।
जैसे पेड़ों को पानी देने से उनमें फल लगते हैं, लेकिन कपास का पेड़ फलहीन रहता है। वह पानी के प्रभाव को स्वीकार नहीं करता।
जैसे मेंढक और कमल का फूल एक ही तालाब में रहते हैं, लेकिन कमल श्रेष्ठ है क्योंकि वह सूर्य की ओर मुख करता है और मेंढक नीच है क्योंकि वह कीचड़ में लिप्त रहता है।
इसी प्रकार सारा संसार सच्चे गुरु की शरण में आता है। सच्चे गुरु के भक्त सिख जो चंदन जैसी सुगंध छोड़ते हैं, वे उनसे अमृत जैसा नाम प्राप्त करते हैं और स्वयं भी सुगंधित हो जाते हैं। लेकिन बांस जैसा अभिमानी, गांठदार और स्वार्थी व्यक्ति हमेशा के लिए भटक जाता है।