जिस प्रकार मिठाइयों को सावधानी से छिपाया जाता है, फिर भी चींटियाँ बिना किसी डर के उस तक पहुँच जाती हैं और उससे चिपक जाती हैं,
जिस प्रकार एक जलता हुआ दीपक घर में सावधानी से छिपा दिया जाता है, फिर भी एक पतंगा उसे ढूंढ़ लेता है और उसकी लौ में विलीन हो जाता है,
जिस प्रकार स्वच्छ एवं स्वच्छ जल का कमल पुष्प एकान्त स्थान पर खिलता है, किन्तु काली मधुमक्खी उसका रसपान करने के लिए सदैव उस तक पहुंच जाती है,
इसी प्रकार सच्चे गुरु का एक समर्पित शिष्य जिसका हृदय भगवान के प्रेम से प्रज्वलित हो जाता है, सारा संसार उसके द्वार पर विनती करता है और रोता है। (410)