कबित सव्ये भाई गुरदास जी

पृष्ठ - 497


ਜੈਸੇ ਏਕ ਸਮੈ ਦ੍ਰੁਮ ਸਫਲ ਸਪਤ੍ਰ ਪੁਨ ਏਕ ਸਮੈ ਫੂਲ ਫਲ ਪਤ੍ਰ ਗਿਰ ਜਾਤ ਹੈ ।
जैसे एक समै द्रुम सफल सपत्र पुन एक समै फूल फल पत्र गिर जात है ।

जैसे एक समय वृक्ष फलों और पत्तियों से भरा होता है और दूसरे समय सारे पत्ते, फल आदि गिर जाते हैं।

ਸਰਿਤਾ ਸਲਿਲਿ ਜੈਸੇ ਕਬਹੂੰ ਸਮਾਨ ਬਹੈ ਕਬਹੂੰ ਅਥਾਹ ਅਤ ਪ੍ਰਬਲਿ ਦਿਖਾਤ ਹੈ ।
सरिता सलिलि जैसे कबहूं समान बहै कबहूं अथाह अत प्रबलि दिखात है ।

जैसे एक नदी एक स्थान पर शांत रूप से बहती है, लेकिन दूसरी जगह वह तेज़ और शोरगुल वाली हो जाती है।

ਏਕ ਸਮੈ ਜੈਸੇ ਹੀਰਾ ਹੋਤ ਜੀਰਨਾਂਬਰ ਮੈ ਏਕ ਸਮੈ ਕੰਚਨ ਜੜੇ ਜਗਮਗਾਤ ਹੈ ।
एक समै जैसे हीरा होत जीरनांबर मै एक समै कंचन जड़े जगमगात है ।

जैसे हीरा एक समय में रेशमी कपड़े में लपेटा जाता है, परन्तु दूसरे समय में वही हीरा सोने में जड़ा जाता है और अपनी भव्यता से चमकता है।

ਤੈਸੇ ਗੁਰਸਿਖ ਰਾਜਕੁਮਾਰ ਜੋਗੀਸੁਰ ਹੈ ਮਾਇਆਧਾਰੀ ਭਾਰੀ ਜੋਗ ਜੁਗਤ ਜੁਗਾਤ ਹੈ ।੪੯੭।
तैसे गुरसिख राजकुमार जोगीसुर है माइआधारी भारी जोग जुगत जुगात है ।४९७।

इसी प्रकार गुरु का आज्ञाकारी सिख कभी राजकुमार होता है तो कभी परम तपस्वी। धनवान होने पर भी वह प्रभु प्राप्ति के साधनों में लीन रहता है। (४९७)