कबित सव्ये भाई गुरदास जी

पृष्ठ - 379


ਜੈਸੇ ਤਉ ਕਰਤ ਸੁਤ ਅਨਿਕ ਇਆਨਪਨ ਤਊ ਨ ਜਨਨੀ ਅਤੁਗਨ ਉਰਿ ਧਾਰਿਓ ਹੈ ।
जैसे तउ करत सुत अनिक इआनपन तऊ न जननी अतुगन उरि धारिओ है ।

जिस प्रकार एक माँ अपने बेटे की अनेक शरारतों को नजरअंदाज कर देती है तथा उसे प्यार और देखभाल के साथ बड़ा करती है।

ਜੈਸੇ ਤਉ ਸਰਨਿ ਸੂਰਿ ਪੂਰਨ ਪਰਤਗਿਆ ਰਾਖੈ ਅਨਿਕ ਅਵਗਿਆ ਕੀਏ ਮਾਰਿ ਨ ਬਿਡਾਰਿਓ ਹੈ ।
जैसे तउ सरनि सूरि पूरन परतगिआ राखै अनिक अवगिआ कीए मारि न बिडारिओ है ।

जिस प्रकार एक योद्धा अपनी शरण में आये हुए के प्रति अपनी प्रतिज्ञा का पालन करता है तथा उसके अनादर करने पर भी उसका वध नहीं करता।

ਜੈਸੇ ਤਉ ਸਰਿਤਾ ਜਲੁ ਕਾਸਟਹਿ ਨ ਬੋਰਤ ਕਰਤ ਚਿਤ ਲਾਜ ਅਪਨੋਈ ਪ੍ਰਤਿਪਾਰਿਓ ਹੈ ।
जैसे तउ सरिता जलु कासटहि न बोरत करत चित लाज अपनोई प्रतिपारिओ है ।

जिस प्रकार लकड़ी का एक लट्ठा नदी में नहीं डूबता, क्योंकि उसमें यह छिपा हुआ सम्मान होता है कि उसने (नदी ने) पेड़ को जीवनदायी जल प्रदान करके उसे बढ़ने में मदद की है।

ਤੈਸੇ ਹੀ ਪਰਮ ਗੁਰ ਪਾਰਸ ਪਰਸ ਗਤਿ ਸਿਖਨ ਕੋ ਕਿਰਤੁ ਕਰਮੁ ਕਛੂ ਨਾ ਬਿਚਾਰਿਓ ਹੈ ।੩੭੯।
तैसे ही परम गुर पारस परस गति सिखन को किरतु करमु कछू ना बिचारिओ है ।३७९।

ऐसे ही महान उपकारक सच्चे गुरु हैं जो पारस पत्थर की तरह सिखों को सोने के समान धातु में बदल देने में समर्थ हैं। वे उनके पूर्व कर्मों पर ध्यान नहीं देते तथा उन्हें नाम सिमरन का आशीर्वाद देकर अपने समान गुणवान बना देते हैं। (379)