सुख और शांति के सागर, सच्चे गुरु की ज्योति की चमक संसार की सभी खुशियों का भण्डार है। एक तिल के दाने से भी कम प्रकाश की एक किरण ने संसार में लाखों सुंदरियों और मन्नतों की चमक पैदा कर दी है।
सच्चे गुरु की एक छोटी सी दयालु दृष्टि में लाखों धन की देवियाँ और सभी इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम दिव्य वृक्ष छिपे हुए हैं। सच्चे गुरु के अमृत में डूबे हुए मीठे वचनों में दुनिया के लाखों स्वाद हैं।
सच्चे गुरु की मृदु और मंद मुस्कान की आदत करोड़ों चन्द्रमाओं की प्रशंसा का स्रोत है। लाखों अप्सराओं के फूलों की महिमा उसके लिए बलिदान है।
सच्चे गुरु की शिक्षाओं के माध्यम से किए गए नाम सिमरन के अमृत-समान स्वाद से मोहित होकर गुरु का एक समर्पित और प्रेमी सिख, प्रभु की अद्भुत भक्ति और संतुलन की स्थिति में लीन रहता है। (294)