कबित सव्ये भाई गुरदास जी

पृष्ठ - 624


ਪੰਚ ਤਤ ਮੇਲ ਪਿੰਡ ਲੋਕ ਬੇਦ ਕਹੈਂ ਪਾਂਚੋ ਤਤ ਕਹੋ ਕਾਹੇ ਭਾਂਤਿ ਰਚਤ ਭੇ ਆਦਿ ਹੀ ।
पंच तत मेल पिंड लोक बेद कहैं पांचो तत कहो काहे भांति रचत भे आदि ही ।

सामान्य ज्ञान, वेद और अन्य धार्मिक शास्त्र कहते हैं कि शरीर पाँच तत्वों से बना है। लेकिन मुझे बताइए कि ये पाँच तत्व अस्तित्व में कैसे आए?

ਕਾਹੇ ਸੇ ਧਰਨ ਧਾਰੀ ਧੀਰਜ ਕੈਸੇ ਬਿਥਾਰੀ ਕਾਹੇ ਸਯੋ ਗੜਯੋ ਅਕਾਸ ਠਾਢੋ ਬਿਨ ਪਾਦ ਹੀ ।
काहे से धरन धारी धीरज कैसे बिथारी काहे सयो गड़यो अकास ठाढो बिन पाद ही ।

पृथ्वी कैसे टिकी है और उसमें धैर्य कैसे फैला हुआ है? आकाश कैसे सुरक्षित है और बिना किसी सहारे के कैसे अस्तित्व में है?

ਕਾਹੇ ਸੌਂ ਸਲਲ ਸਾਜੇ ਸੀਤਲ ਪਵਨ ਬਾਜੇ ਅਗਨ ਤਪਤ ਕਾਹੇ ਅਤਿ ਬਿਸਮਾਦ ਹੀ ।
काहे सौं सलल साजे सीतल पवन बाजे अगन तपत काहे अति बिसमाद ही ।

पानी कैसे बनता है? हवा कैसे चलती है? आग कैसे गर्म होती है? ये सब बहुत ही अद्भुत है।

ਕਾਰਨ ਕਰਨ ਦੇਵ ਅਲਖ ਅਭੇਵ ਨਾਥ ਉਨ ਕੀ ਭੀ ਓਹੀ ਜਾਨੈ ਬਕਨੋ ਹੈ ਬਾਦ ਜੀ ।੬੨੪।
कारन करन देव अलख अभेव नाथ उन की भी ओही जानै बकनो है बाद जी ।६२४।

तेजोमय भगवान् समझ से परे हैं। उनका रहस्य कोई नहीं जान सकता। वे ही सभी घटनाओं के कारण हैं। वे ही इन सभी बातों का रहस्य जानते हैं। इसलिए हमारे लिए सृष्टि की रचना के संबंध में कोई भी कथन करना व्यर्थ है। (624)