बाज़ का कैद में रहना बेहतर होता है क्योंकि इससे वह अन्य पक्षियों को मारने से दूर रहता है।
लाल पैरों वाली तीतर (चकवी) कैद में बेहतर रहती है, क्योंकि वह श्री रामचंद्र के श्राप के विपरीत रात में अपने साथी से मिल पाती है।
तोता पिंजरे में बेहतर रहता है, जहां वह अपने मालिक से उपदेश प्राप्त कर सकता है और निरंतर भगवान का नाम जप सकता है।
इसी प्रकार मानव शरीर में जन्म लेना श्रेष्ठ है, क्योंकि इससे व्यक्ति को सच्चे गुरु का आज्ञाकारी दास बनने में सहायता मिलती है तथा वह बाह्य मुक्ति प्राप्त करने की अपेक्षा भगवान के प्रियजनों की पवित्र संगति में भगवान को स्मरण करता है। (154)