वेश्या खुलेआम दूसरे पुरुषों के साथ दुराचार करती है। उसे सामाजिक और धार्मिक पुस्तकों में बताए गए नैतिकता या आचार संहिता का कोई सम्मान नहीं होता।
लेकिन अगर एक सम्मानित परिवार की महिला किसी अन्य व्यक्ति के पास जाती है तो इससे उसके परिवार की छवि खराब होती है।
झूठे प्रेम से भरा हुआ बगुला एक तालाब से दूसरे तालाब में भटकता रहता है, परन्तु यदि हंसों के परिवार वाला (गुरु का सिख) सच्चे गुरु की संगति रूपी मानसरोवर को छोड़ दे, तो वह अज्ञानी व्यक्ति बड़ा मूर्ख है।
सच्चे गुरु का आज्ञाकारी सिख अपने मन को सच्चे गुरु के पवित्र ज्ञान के वचनों में लीन रखता है, दूसरों के धन और दूसरों के शरीर की बुराइयों से खुद को अछूता रखता है। लेकिन सच्चे गुरु से अलग और देवी-देवताओं का उपासक,