स्वप्न का चमत्कार तो वही जानता है जिसने उसे देखा है, कोई दूसरा उसे देख नहीं सकता, तो फिर कोई दूसरा उसके बारे में कैसे जान सकता है?
यदि किसी नली के एक सिरे से कुछ बोला जाए और दूसरे सिरे को अपने कान में डाला जाए तो केवल वही जान सकता है कि किसने क्या कहा या सुना है। कोई और नहीं जान सकता।
जिस प्रकार कमल का फूल या कोई अन्य पौधा अपनी जड़ों के माध्यम से मिट्टी से पानी खींचता है, उसी प्रकार फूल या पौधे को ही अपने खिलने की स्थिति का पता होता है, जो अपनी इच्छानुसार पानी पीता है।
एक सिख का अपने गुरु से मिलना और उनसे दीक्षा प्राप्त करना बहुत ही अद्भुत, आनंदमय और रहस्यमयी घटना है। सच्चे गुरु से प्राप्त ज्ञान, उनका ध्यान, उनका प्रेम और परमानंद का वर्णन बहुत ही अद्भुत है।