जिस प्रकार मधुमक्खी एक फूल से दूसरे फूल पर उछल-कूद कर शहद इकट्ठा करती है, लेकिन शहद इकट्ठा करने वाला व्यक्ति मधुमक्खियों को धुंआ देकर दूर भगा देता है और शहद ले लेता है।
जैसे गाय बछड़े के लिए अपने थनों में दूध इकट्ठा करती है, लेकिन दूधवाला बछड़े का इस्तेमाल करके गाय का दूध नीचे लाता है। वह बछड़े को बांधता है, गाय का दूध निकालता है और उसे ले जाता है।
जैसे एक कृंतक बिल बनाने के लिए मिट्टी खोदता है लेकिन एक सांप उस बिल में घुस जाता है और कृंतक को खा जाता है।
इसी प्रकार अज्ञानी और मूर्ख व्यक्ति अनेक पाप करता है, धन इकट्ठा करता है और खाली हाथ ही इस संसार से चला जाता है। (उसकी सारी कमाई और भौतिक वस्तुएं अंततः व्यर्थ सिद्ध होती हैं।) (555)