जैसे ही कोई दवा किसी व्यक्ति को लाभ पहुंचाती है, वह स्वस्थ हो जाता है, शांत और सहज हो जाता है।
जैसे धातुओं में कुछ रसायन मिलाने से उनमें चमक आ जाती है और उनका मूल रंग गायब हो जाता है।
जिस प्रकार थोड़ी सी आग लाखों लकड़ियों के ढेर को राख में बदल कर नष्ट कर सकती है।
इसी प्रकार जब सच्चे गुरु की शिक्षा साधक के मन में निवास करती है तो उसका जन्म-मरण का चक्र और उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। (364)