नदी और झील का जल जब मिलते हैं तो वे अभिन्न हो जाते हैं, फिर जब वे एक हो जाते हैं तो वे अपने पुराने स्वरूप में कैसे विलीन हो सकते हैं?
सुपारी, कत्था, चूना और सुपारी चबाने से गहरा लाल रंग बनता है। लेकिन इनमें से कोई भी तत्व उस लाल रंग से अलग नहीं किया जा सकता।
पारस पत्थर के स्पर्श मात्र से ही अनेक धातुएं सोने में बदल जाती हैं। तत्पश्चात् वे अपने मूल रूप में वापस नहीं आ सकतीं।
चंदन का पेड़ अपने आस-पास के सभी पेड़ों को सुगंध प्रदान करता है। फिर उस सुगंध को उनसे दूर नहीं किया जा सकता। इसी तरह भगवान और उनके भक्तों का मिलन भी एक बहुत ही विचित्र और आश्चर्यजनक कहानी है। वे एक हो जाते हैं और उनमें कोई द्वैत नहीं रह जाता।