गुरु के बताए मार्ग पर चलने से सिख को मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है। पवित्र संगत की संगति करने से काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार जैसे दुर्गुण भी दूर हो जाते हैं।
सद्गुरु की शरण में जाने से मनुष्य के सभी पूर्व कर्म नष्ट हो जाते हैं तथा सद्गुरु के ईश्वर-स्वरूप का दर्शन करने से मृत्यु का भय भी मिट जाता है।
सद्गुरु के उपदेशों पर चलने से सभी इच्छाएं और आशंकाएं मिट जाती हैं। गुरु के पवित्र वचनों में मन को लीन करने से धन-ग्रस्त अचेतन मन सजग हो जाता है।
सतगुरु की कृपा का एक छोटा सा अंश भी समस्त सांसारिक निधियों से कम नहीं है। सतगुरु द्वारा आशीर्वादित शब्द और नाम में मन को लीन करने से मनुष्य जीते जी मोक्ष प्राप्त कर लेता है। (57)