वेश्या की शान-शौकत और उसके अनेक पुरुषों से सम्बन्धों का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। पति के बिना वह किसकी पत्नी कहलाएगी?
बगुला हंस के समान श्वेत होता है, किन्तु अपनी क्षुधा-तृप्ति के लिए वह अनेक प्राणियों का वध करता है। इस पाप कर्म को करने के लिए वह पूर्णतः मौन खड़ा रहता है, किन्तु ऐसा करने से उसे योग-ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती।
नकलची की हरकतों और शब्दों की बेशर्मी को बयां नहीं किया जा सकता। वह अपनी जिद के कारण बुरे शब्दों का इस्तेमाल करने से भी नहीं कतराता।
इसी प्रकार इन नीच चरित्र वाले लोगों की तरह मैं भी नीच हूँ। मैं तीन बीमारियों का पुराना रोगी हूँ, यानि दूसरों के धन, स्त्री और दूसरों की निंदा करना। असंख्य पापी मेरे पापमय जीवन का एक बाल भी नहीं बराबर कर सकते। मैं सबसे नीच हूँ