कबित सव्ये भाई गुरदास जी

पृष्ठ - 537


ਜੈਸੇ ਜਲ ਧੋਏ ਬਿਨੁ ਅੰਬਰ ਮਲੀਨ ਹੋਤ ਬਿਨੁ ਤੇਲ ਮੇਲੇ ਜੈਸੇ ਕੇਸ ਹੂੰ ਭਇਆਨ ਹੈ ।
जैसे जल धोए बिनु अंबर मलीन होत बिनु तेल मेले जैसे केस हूं भइआन है ।

जैसे जल से न धोया हुआ कपड़ा गन्दा रहता है, तथा तेल न लगाने पर बाल बिखरे और उलझे रहते हैं।

ਜੈਸੇ ਬਿਨੁ ਮਾਂਜੇ ਦਰਪਨ ਜੋਤਿ ਹੀਨ ਹੋਤ ਬਰਖਾ ਬਿਹੂੰਨ ਜੈਸੇ ਖੇਤ ਮੈ ਨ ਧਾਨ ਹੈ ।
जैसे बिनु मांजे दरपन जोति हीन होत बरखा बिहूंन जैसे खेत मै न धान है ।

जिस प्रकार यदि शीशा साफ न किया जाए तो उसमें से प्रकाश नहीं निकल सकता, तथा जिस प्रकार बिना वर्षा के खेत में फसल नहीं उगती,

ਜੈਸੇ ਬਿਨੁ ਦੀਪਕੁ ਭਵਨ ਅੰਧਕਾਰ ਹੋਤ ਲੋਨੇ ਘ੍ਰਿਤਿ ਬਿਨੁ ਜੈਸੇ ਭੋਜਨ ਸਮਾਨ ਹੈ ।
जैसे बिनु दीपकु भवन अंधकार होत लोने घ्रिति बिनु जैसे भोजन समान है ।

जैसे दीपक के बिना घर अंधकार में रहता है तथा नमक और घी के बिना भोजन स्वादहीन होता है, वैसे ही

ਤੈਸੇ ਬਿਨੁ ਸਾਧਸੰਗਤਿ ਜਨਮ ਮਰਨ ਦੁਖ ਮਿਟਤ ਨ ਭੈ ਭਰਮ ਬਿਨੁ ਗੁਰ ਗਿਆਨ ਹੈ ।੫੩੭।
तैसे बिनु साधसंगति जनम मरन दुख मिटत न भै भरम बिनु गुर गिआन है ।५३७।

इसी प्रकार संतात्माओं और सच्चे गुरु के भक्तों की संगति के बिना बार-बार जन्म-मरण का कष्ट मिट नहीं सकता और न ही सच्चे गुरु के उपदेश पर अमल किए बिना सांसारिक भय और शंकाएं नष्ट हो सकती हैं। (537)