मेरे प्यासे होठ तुम्हारे होठों से निकलने वाले अमृत के लिए तरस रहे हैं,
मैं न तो अनंतकाल देने वाले खिज्र से संतुष्ट हो सकता हूँ और न ही मरे हुए को जीवित करने वाले मसीहा से।" (24) (2) मैं ऐसे हृदय रोग से ग्रस्त हूँ जिसका कोई इलाज नहीं है। जब तक मैं अपने प्राण त्याग नहीं देता, मैं ठीक नहीं हो सकता और न ही चैन से रह सकता हूँ।" (24) (3)
(२४) (४) चन्द्रमा के समान सुन्दर और शान्त व्यक्तित्व के केशों की लालसा में मेरा मन विकृत हो रहा है, यह मैं जानता हूँ। परन्तु इन गुत्थियों को आप गुरुदेव के अतिरिक्त कोई नहीं खोल सकता। (२४) (५) जब तक हमारी आँखें आपकी याद में सागर नहीं बन जातीं, तब तक हमें नदी के तट की भी छोटी सी सीमा का बोध नहीं हो सकता। (२४) (६) गोया कहते हैं, "आपके आगमन की प्रतीक्षा में, आपको देखने की आशा में मेरी आँखें पीली और अन्धी हो गयी हैं,
मैं क्या कर सकता हूँ? कोई और मुझे कोई सांत्वना और सांत्वना नहीं दे सकता।" (24) (7) यदि आप अपना पूर्णिमा जैसा कृपालु चेहरा दिखा दें तो क्या होगा? हे मेरे प्रियतम! यदि आप आज रात को कृपापूर्वक अपना चेहरा दिखा दें तो कोई नुकसान नहीं होगा।" (25) (1)
आपके बालों के एक ही लट से पूरी दुनिया मोहित और मोहित हो जाती है।
यदि आप इस रहस्य (गाँठ) को एक क्षण के लिए भी खोल दें तो आपको क्या हानि होगी और क्या हानि होगी? (25) (2)
तुम्हारे बिना सारा संसार अंधकार में डूब गया,
यदि आप सूर्य की तरह निकल आएं तो आप क्या खो देंगे? (25) (3)
गोया कहते हैं: "एक पल के लिए भी आ जाओ और मेरी आँखों को अपना घर बना लो। हे मेरे दिल के मोहक! अगर तुम थोड़ी देर के लिए भी मेरी आँखों में बस जाओ तो क्या नुकसान है?" (25) (4)
अगर तुम अपना काला तिल वाला धड़ मुझे बेच सको तो क्या नुकसान है?