काबा या मंदिर के अंदर वाहेगुरु के अलावा कोई और नहीं है;
पत्थरों की मूल संरचना और बनावट में अंतर के कारण आग दो अलग-अलग रंग कैसे धारण कर सकती है? (2)
आकाश धरती के आगे झुक रहा है,
इसी कारण अकालपुरख के भक्त यहां बैठकर क्षण-दो क्षण उनका ध्यान करते हैं। (3)
कलाप वृक्ष की छाया में रहने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
तथापि भगवत्भक्त महात्माओं की छाया (संरक्षण) में मनुष्य स्वयं भगवान् को प्राप्त कर सकता है। (4)
जिंदगी नामा
अकालपुरख धरती और आसमान का मालिक है,
वे ही मनुष्य और अन्य जीवों को जीवन प्रदान करते हैं। (1)
वाहेगुरु के मार्ग की धूल हमारी आंखों के लिए काजल की तरह काम करती है।
वास्तव में, वे ही प्रत्येक राजा और प्रत्येक पुण्यात्मा का सम्मान और आदर बढ़ाते हैं। (2)
जो कोई भी व्यक्ति अकालपुरख का निरंतर स्मरण करते हुए अपना जीवन व्यतीत करता है,
सदैव दूसरों को परमात्मा के ध्यान के लिए प्रेरित व प्रेरित करेंगे। (3)
यदि आप निरन्तर और सदैव अकालपुरख के ध्यान में लीन रह सकें,