गोया की तरह, जिन पर तुम्हारे प्यार के घाव हैं और जो तुम्हारी भक्ति से मोहित हैं,
हमेशा उनकी आवाज़ को अपनी खुशबू से मधुर बनाओ। (22) (8)
हे गुरुवर, मेरे अच्छे मित्र! आपकी आँखों की चमक दिन के प्रकाश से मेल नहीं खा सकती।
तेरे चेहरे की चमक के आगे आसमान का सूरज भी कुछ नहीं है। (23) (1)
मौत के प्रिय शिकारी का दिल जीतने के लिए,
तेरे मनमोहक बालों के फंदे से बढ़कर कोई और फंदा नहीं है। (23) (2)
यह अमूल्य जीवन जो हमें मिला है, उसे धन्य समझना चाहिए,
क्योंकि, हमने अभी तक ऐसी सुबह (युवावस्था) नहीं देखी, जिसमें शाम (बुढ़ापा) न हुई हो। (23) (3)
हे गुरुवर, हृदय के हृदय! मैं कब तक अपने मन को सांत्वना देता रहूँगा?
(23) (4) हे गोया, रत्न-वर्षा करने वाली मेरी आँख सागर-सी गहरी हो गई है। आपकी सुखद झलक के बिना मन को सांत्वना नहीं मिलती। (23) (5) हे गुरु! जब तक आपके जीवन को बढ़ाने वाले लाल होंठ कुछ नहीं बोलेंगे, तब तक हमारे दर्द और पीड़ा की दवा नहीं हो सकती। (24) (1)