आपके बढ़ते बालों के प्यार के परमानंद का बंदी सिर्फ पुनरुत्थान की तलाश में नहीं है। (7) (3)
वह कौन सी आँख है जिसमें आपकी महिमा की चमक नहीं है?
वह कौन सा शरीर (छाती) है जिसमें ईश्वरीय खजाने नहीं हैं? (7) (4)
गोया कहते हैं, "संकोच मत करो, बहाने मत बनाओ, बल्कि उसके लिए अपने आप को बलिदान कर दो, क्योंकि प्रेमियों (सच्चे भक्तों) की शब्दावली में 'बहाने' जैसा कोई शब्द नहीं है।" (7) (5)
एक अदयालु क्रूर प्रेमी मेरी आँखों के सामने से गुजरा;
प्रियतम के जाते ही ऐसा लगा मानो मेरी आँखों से मेरे प्राण (हृदय और आत्मा) निकल गए। (८) (१)
मेरी लगातार आहों से निकला धुआँ आसमान में ऊँचा और गहरा उठ रहा था,
उन्होंने उसका रंग ही बदलकर चैती-नीला कर दिया और उसका हृदय जला दिया। (8) (2)
अपनी भौंहों के एक इशारे से, उसने बस (रूपकात्मक रूप से) हमारी हत्या कर दी (शहीद कर दिया),
लेकिन अब जब तीर धनुष से निकल चुका है तो कोई इलाज नहीं है। (8) (3)