तुम स्वतंत्र हो। 141.
चार्पट छंद. कृपा से
आप सबके नाश करने वाले हैं!
तुम सबको जाने वाले हो!
आप सभी को ज्ञात हैं!
तू ही सब कुछ जानने वाला है! 142
तू सबको मार डालता है!
तू ही सबका सृजन करता है!
तुम ही सबका जीवन हो!
तू ही सबकी शक्ति है! 143
आप सभी कार्यों में निहित हैं!
आप सभी धर्मों में हैं!
तुम सभी के साथ एक हो!
तू सब से मुक्त है! 144
रसावाल छंद. आपकी कृपा से
हे नरक के नाश करने वाले प्रभु, आपको नमस्कार है।
हे सदा प्रकाशित प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे देहरहित सत्ता प्रभु, आपको नमस्कार है।
हे सनातन एवं तेजस्वी प्रभु, आपको नमस्कार है ! १४५
हे अत्याचारियों के नाश करने वाले प्रभु, आपको नमस्कार है।