तुम सभी दिशाओं में अनन्त हो। १६५।
हे प्रभु ! आप शाश्वत ज्ञान हैं। हे प्रभु !
आप संतुष्ट लोगों में सर्वश्रेष्ठ हैं।
हे प्रभु! आप देवताओं की भुजा हैं। हे प्रभु!
तू ही सदैव एकमात्र है। 166.
हे प्रभु ! आप ही ओम हैं, सृष्टि के मूल हैं। हे प्रभु !
तुम अनादि कहे गये हो।
हे प्रभु! आप अत्याचारियों का तुरन्त नाश कर देते हैं!
हे प्रभु, आप सर्वोच्च और अमर हैं। 167.!
हे प्रभु ! हर घर में आपकी पूजा होती है। हे प्रभु !
तेरे चरण और तेरे नाम का ध्यान हर हृदय में है।
हे प्रभु ! आपका शरीर कभी बूढ़ा नहीं होता। हे प्रभु !
तू कभी किसी के अधीन नहीं है। 168.
हे प्रभु ! आपका शरीर सदैव स्थिर है। हे प्रभु !
तुम क्रोध से मुक्त हो।
हे प्रभु ! आपका भण्डार अक्षय है। हे प्रभु !
तू अप्रतिष्ठित और असीम है। 169।
हे प्रभु! आपका नियम अगोचर है। हे प्रभु!
तेरे कार्य अत्यन्त निर्भय हैं।
हे प्रभु ! आप अजेय और अनंत हैं। हे प्रभु !