तुम ही परम दानी हो। १७०।
हरिबोलमाना छंद, कृपा से
हे प्रभु! आप दया के घर हैं!
हे प्रभु! आप शत्रुओं के नाश करने वाले हैं!
हे प्रभु! आप दुष्टों के हत्यारे हैं!
हे प्रभु! तुम पृथ्वी के श्रृंगार हो! 171
हे प्रभु! आप ब्रह्माण्ड के स्वामी हैं!
हे प्रभु! आप परम ईश्वर हैं!
हे प्रभु! तुम ही कलह का कारण हो!
हे प्रभु! आप सबके उद्धारकर्ता हैं! 172
हे प्रभु! आप ही पृथ्वी के आधार हैं!
हे प्रभु! आप ही ब्रह्माण्ड के रचयिता हैं!
हे प्रभु! हृदय में आपकी पूजा होती है!
हे प्रभु! आप पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं! 173
हे प्रभु! आप ही सबके पालनहार हैं!
हे प्रभु! आप सबके निर्माता हैं!
हे प्रभु! आप सबमें व्याप्त हैं!
हे प्रभु! तू सबका नाश कर देता है! 174
हे प्रभु! आप दया के स्रोत हैं!
हे प्रभु! आप ही ब्रह्माण्ड के पालनहार हैं!