इस विनम्र सेवक की संगति में, भगवान का नाम स्मरण आता है।
वह स्वयं भी मुक्त है और वह ब्रह्माण्ड को भी मुक्त करता है।
हे नानक, उस विनम्र सेवक को मैं सदा-सदा के लिए नमन करता हूँ। ||८||२३||
सलोक:
मैं पूर्ण प्रभु परमेश्वर की पूजा और आराधना करता हूँ। उसका नाम पूर्ण है।
हे नानक, मैंने पूर्ण को प्राप्त कर लिया है; मैं पूर्ण प्रभु की महिमामय स्तुति गाता हूँ। ||१||
अष्टपदी:
पूर्ण गुरु की शिक्षा सुनो;
परम प्रभु परमेश्वर को अपने निकट देखो।
प्रत्येक सांस के साथ ब्रह्माण्ड के स्वामी का स्मरण करो,
और तेरे मन की सारी चिन्ता दूर हो जाएगी।
क्षणभंगुर इच्छा की लहरों को त्याग दो,
और संतों के चरणों की धूल के लिए प्रार्थना करें।
अपना स्वार्थ और दंभ त्यागो और प्रार्थना करो।
साध संगत में, पवित्र लोगों की संगत में, लोग अग्नि सागर को पार करते हैं।
अपने भण्डार को प्रभु के धन से भर लो।
नानक पूर्ण गुरु को विनम्रता और श्रद्धा से नमन करते हैं। ||१||
खुशी, सहज शांति, संतुलन और आनंद
पवित्र लोगों की संगति में, परम आनंद के भगवान का ध्यान करो।
तुम नरक से बच जाओगे - अपनी आत्मा को बचाओ!