तुम देशविहीन हो.
तुम निष्कलंक हो।63.
भुजंग प्रयात छंद,
हे अभेद्य प्रभु आपको नमस्कार है! हे असीम प्रभु आपको नमस्कार है!
हे सर्वानन्दस्वरूप प्रभु! आपको नमस्कार है।
हे सर्वत्र पूज्य प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे सर्व-भण्डार प्रभु, आपको नमस्कार है! ६४
हे स्वामीरहित प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे संहारक प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे अजेय प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे अजेय प्रभु, आपको नमस्कार है! ६५
हे अमर प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे संरक्षकहीन प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे सर्वव्यापक प्रभु! आपको नमस्कार है।
हे सर्वभूतेषु प्रभु, आपको नमस्कार है ! ६६
हे परम प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे श्रेष्ठ संगीत यंत्र प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे परम सम्राट प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे चन्द्रदेव! आपको नमस्कार है । ६७
हे गीत प्रभु! तुम्हें नमस्कार!