जब उनका हिसाब मांगा जाएगा, तो उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा; उनकी कीचड़ की दीवार को धोया नहीं जा सकेगा।
हे नानक, जो समझ गया है, वह गुरमुख शुद्ध समझ प्राप्त करता है। ||९||
सलोक:
जिसके बंधन कट जाते हैं, वह साध संगत में शामिल हो जाता है।
हे नानक, जो लोग एक प्रभु के प्रेम से ओतप्रोत हैं, वे उसके प्रेम का गहरा और स्थायी रंग धारण कर लेते हैं। ||१||
पौरी:
रारा: अपने इस हृदय को प्रभु के प्रेम के रंग में रंग लो।
भगवान के नाम 'हर, हर' का ध्यान करो - अपनी जीभ से इसका जप करो।
प्रभु के दरबार में कोई भी तुमसे कठोर बात नहीं करेगा।
सब लोग यह कहकर तुम्हारा स्वागत करेंगे, “आओ, बैठ जाओ।”
प्रभु की उपस्थिति के उस भवन में तुम्हें एक घर मिलेगा।
वहाँ न जन्म है, न मृत्यु है, न विनाश है।
जिसके माथे पर ऐसे कर्म लिखे हैं,
हे नानक, उसके घर में प्रभु का धन है। ||१०||
सलोक:
लालच, झूठ, भ्रष्टाचार और भावनात्मक लगाव अंधे और मूर्खों को उलझा देते हैं।
हे नानक, माया से बंधे हुए, वे दुर्गन्ध से चिपटे रहते हैं। ||१||
पौरी:
लल्ला: लोग भ्रष्ट सुखों के मोह में उलझे हुए हैं;
वे अहंकारबुद्धि और माया की मदिरा से मतवाले हैं।