कि तुम ही आदि सत्ता हो, जिसका कोई स्वामी नहीं है!
हे प्रभु! ...
कि तुम बिना किसी चित्र के हो!
कि तू स्वयं अपना स्वामी है! १०७
तू ही पालनहार और दानशील है!
तू ही छुड़ाने वाला और शुद्ध है!
कि तुम दोषरहित हो!
हे प्रभु! ...
कि तू पापों को क्षमा करता है!
कि तुम सम्राटों के सम्राट हो!
तू ही सब कुछ करने वाला है!
हे प्रभु! तू ही जीविका के साधन देने वाला है! 109
तू ही उदार पालनहार है!
हे प्रभु! तू परम दयालु है!
कि तू सर्वशक्तिमान है!
तू ही सबका नाश करनेवाला है! 110
कि आप सभी के द्वारा पूजित हैं!
तू ही सबके दाता है!
कि तू सर्वत्र जाता है!
तू ही सर्वत्र विराजमान है! 111