गंधर्वों के अनेक गीत-धुनें और अनुष्ठान हैं!
ऐसे बहुत से लोग हैं जो वेदों और शास्त्रों के अध्ययन में लीन हैं!
कहीं-कहीं वैदिक आदेशों के अनुसार यज्ञ किये जाते हैं!
कहीं हवन-यज्ञ हो रहे हैं, तो कहीं तीर्थस्थानों पर विधि-विधान से अनुष्ठान हो रहे हैं! 12. 132
कई लोग अलग-अलग देशों की भाषा बोलते हैं!
कई लोग विभिन्न देशों की शिक्षा का अध्ययन करते हैं! कई लोग विभिन्न देशों की शिक्षा का अध्ययन करते हैं
कई लोग कई प्रकार के दर्शनों पर विचार करते हैं!
फिर भी वे प्रभु को थोड़ा भी नहीं समझ सकते! 13. 133
अनेक लोग भ्रमवश विभिन्न तीर्थस्थानों पर भटकते रहते हैं!
कुछ लोग हवन करते हैं और कुछ लोग देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अनुष्ठान करते हैं!
कुछ लोग युद्धकला की शिक्षा पर ध्यान देते हैं!
फिर भी वे प्रभु को नहीं समझ सकते! 14. 134
कहीं राजसी अनुशासन का पालन हो रहा है तो कहीं योग का अनुशासन!
कई लोग स्मृतियों और शास्त्रों का पाठ करते हैं!
कहीं न्योली (आंतों की शुद्धि) सहित यौगिक कर्मों का अभ्यास किया जा रहा है, तो कहीं हाथी उपहार में दिए जा रहे हैं!
कहीं-कहीं अश्वमेध यज्ञ किये जा रहे हैं और उनके पुण्यों का बखान किया जा रहा है! 15. 135
कहीं ब्राह्मण धर्मशास्त्र पर चर्चा कर रहे हैं!
कहीं योगिक विधियों का अभ्यास किया जा रहा है तो कहीं जीवन के चार चरणों का पालन किया जा रहा है!
कहीं यक्ष और गंधर्व गाते हैं!
कहीं-कहीं धूप, मिट्टी के दीपक और अर्घ्य चढ़ाए जाते हैं! 16. 136