प्रभु का नाम जपो! 12. 62.
(प्रभु) आप जल हैं!
हे प्रभु, तू सूखी भूमि है!
(प्रभु) आप ही जलधारा हैं!
(प्रभु) आप सागर हैं!
(प्रभु) आप वृक्ष हैं!
(प्रभु) आप पत्ते हैं!
(प्रभु) आप पृथ्वी हैं!
(प्रभु) आप आकाश हैं! 14. 64.
(हे प्रभु) मैं आपका ध्यान करता हूँ!
(हे प्रभु) मैं आपका ध्यान करता हूँ!
(प्रभु) मैं आपका नाम दोहराता हूँ!
(प्रभु) मैं सहज रूप से आपको याद करता हूँ! 15. 65.
(प्रभु) आप पृथ्वी हैं!
(प्रभु) आप आकाश हैं!
(प्रभु) आप जमींदार हैं!
(हे प्रभु) आप ही घर हैं! 16. 66.
(प्रभु) आप जन्महीन हैं!
(प्रभु) आप निर्भय हैं!
(प्रभु) आप अछूत हैं!