आप ही सबकी शक्ति हैं!
कि तुम ही सबका जीवन हो!
तू ही सब देशों में विद्यमान है!
कि तू वेश में है! 117
आपकी पूजा सर्वत्र होती है!
हे प्रभु! आप ही सबके परम नियन्ता हैं!
कि तुम्हें हर जगह याद किया जाता है!
तू सर्वत्र प्रतिष्ठित है! 118
हे प्रभु! तू ही सब कुछ प्रकाशित करता है!
कि सभी लोग आपका आदर करें!
हे प्रभु! आप सबके इन्द्र (राजा) हैं!
तू ही सबका चन्द्रमा (प्रकाश) है! 119
हे प्रभु! आप सभी शक्तियों के स्वामी हैं!
हे प्रभु! तू परम बुद्धिमान है!
कि तुम सबसे बुद्धिमान और विद्वान हो!
कि तुम भाषाओं के स्वामी हो! 120
कि तुम सौन्दर्य की मूर्तरूप हो!
सब तेरी ओर देखते हैं!
कि तू सदा वास कर!
कि तेरी सदैव सन्तान बनी रहे! 121