साथ में अनेक सुन्दर दहाड़ते हाथी और हजारों उत्तम नस्ल के हिनहिनाते घर।
भूत, वर्तमान और भविष्य के ऐसे सम्राटों की गणना या पता लगाना असंभव है।
परन्तु भगवान् का नाम स्मरण किये बिना ही वे अन्ततः अपने परमधाम को चले जाते हैं। ३.२३.
पवित्र स्थानों पर स्नान करना, दया करना, वासनाओं पर नियंत्रण रखना, दान-पुण्य के कार्य करना, तपस्या करना तथा अनेक विशेष अनुष्ठान करना।
वेद, पुराण और पवित्र कुरान का अध्ययन करना तथा समस्त लोक और परलोक का अवलोकन करना।
केवल वायु पर निर्वाह करना, संयम का पालन करना तथा सभी अच्छे विचारों वाले हजारों लोगों से मिलना।
परन्तु हे राजन! भगवान् के नाम के स्मरण के बिना यह सब कुछ व्यर्थ है, क्योंकि इसमें भगवान् की कृपा का लेशमात्र भी अभाव है।
प्रशिक्षित सैनिक, शक्तिशाली और अजेय, कवच पहने हुए, जो दुश्मनों को कुचलने में सक्षम होंगे।
उनके मन में बड़ा अहंकार था कि यदि पर्वत भी पंख लगाकर हिल जाएं तो भी वे पराजित नहीं हो सकेंगे।
वे शत्रुओं का नाश करेंगे, विद्रोहियों को कुचल देंगे और मदमस्त हाथियों का घमंड चूर कर देंगे।
परन्तु प्रभु-ईश्वर की कृपा के बिना, वे अंततः संसार छोड़ देंगे। ५.२५.
असंख्य वीर और पराक्रमी नायक, निडरता से तलवार की धार का सामना कर रहे हैं।
देशों पर विजय प्राप्त करना, विद्रोहियों को वश में करना और मदमस्त हाथियों के गर्व को चूर करना।
मजबूत किलों पर कब्जा करना और केवल धमकियों से सभी पक्षों पर विजय प्राप्त करना।
भगवान् भगवान् सबके सेनापति हैं और एकमात्र दानी हैं, याचक बहुत हैं। ६.२६।
दानव, देवता, विशाल नाग, भूत, वर्तमान और भविष्य सभी उसका नाम जपते थे।
समुद्र और भूमि पर सभी जीव बढ़ेंगे और पापों के ढेर नष्ट हो जाएंगे।
पुण्यों की महिमा का गुणगान बढ़ेगा और पापों के ढेर नष्ट हो जाएंगे
सब संत आनन्दपूर्वक संसार में विचरण करेंगे और शत्रु उन्हें देखकर व्याकुल हो जायेंगे।७.२७।
मनुष्यों और हाथियों का राजा, सम्राट जो तीनों लोकों पर शासन करेगा।