हे नानक! ईश्वर-चेतन सत्ता स्वयं ही परम प्रभु ईश्वर है। ||६||
ईश्वर-चेतना का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता।
ईश्वर-चेतनावान प्राणी के मन में ही सब कुछ है।
ईश्वर-चेतना का रहस्य कौन जान सकता है?
उस ईश्वर-चेतनावान सत्ता को सदैव नमन करो।
ईश्वर-चेतना को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता।
ईश्वर-चेतनावान प्राणी सबका प्रभु और स्वामी है।
ईश्वर-चेतना की सीमाओं का वर्णन कौन कर सकता है?
केवल ईश्वर-चेतनावान प्राणी ही ईश्वर-चेतनावान प्राणी की स्थिति को जान सकता है।
ईश्वर-चेतना वाले प्राणी का कोई अंत या सीमा नहीं है।
हे नानक, उस ईश्वर-चेतन सत्ता को सदा-सदा के लिए आदरपूर्वक नमन करो। ||७||
ईश्वर-चेतनावान सत्ता समस्त संसार की सृष्टिकर्ता है।
ईश्वर-चेतनावान प्राणी सदैव जीवित रहता है, उसकी मृत्यु नहीं होती।
ईश्वर-चेतनावान सत्ता आत्मा की मुक्ति का मार्ग प्रदान करने वाली है।
ईश्वर-चेतनावान सत्ता ही पूर्ण सर्वोच्च सत्ता है, जो सभी का संचालन करती है।
ईश्वर-चेतनावान प्राणी असहायों का सहायक है।
ईश्वर-चेतनावान प्राणी अपना हाथ सबकी ओर बढ़ाता है।
ईश्वर-चेतनावान सत्ता सम्पूर्ण सृष्टि की स्वामी है।
ईश्वर-चेतना स्वयं निराकार भगवान है।
ईश्वर-चेतनावान सत्ता की महिमा केवल ईश्वर-चेतनावान सत्ता की ही है।