मेरे संगी-साथी सब मुझे छोड़कर चले गये हैं; कोई भी मेरे साथ नहीं रहा।
नानक कहते हैं, इस विपत्ति में केवल प्रभु ही मेरा सहारा हैं। ||५५||
गुरु तेग बहादुर जी की बानी